त्योहारी सीजन के दौरान देश में प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक थोक और खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतें बढ़ने लग गई हैं। दिल्ली में अच्छी क्वालिटी के प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह खरीफ फसल में देरी को माना जा रहा है।
कितनी बढ़ी प्याज की कीमत
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंचमार्क लासलगांव एपीएमसी में प्याज की कीमतें पिछले 15 दिनों में लगभग 60 प्रतिशत और पिछले सप्ताह में लगभग 18 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। इसके चलते लासलगांव में प्याज की औसत कीमत 38 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जो 10 अक्टूबर को करीब 24 रुपये प्रति किलो थी।
वहीं, अहमदनगर जिले में प्याज की कीमत 45 रुपये प्रति किलो से अधिक पहुंच गई है, जो 10 दिन पहले करीब 35 रुपये प्रति किलो थी। ऐसी ही स्थिति महाराष्ट्र के अधिकांश प्याज उत्पादक जिलों में देखने को मिल रही है और कीमतें 45 रुपये से 48 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुच चुकी हैं।
कब तक बढती रहेगी प्याज की कीमत
ऐसा माना जा रहा है कि दिसंबर तक प्याज की कीमतों में उछाल जारी रह सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह खरीफ की फसलों का 2 महीने देरी से बाजार में आना है।
इसे भी पढ़ें – ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसान होंगे मालामाल, एकीकृत बागवानी योजना के तहत मिल रही है 40% सब्सिडी
सरकार भी कर रही प्रयास
प्याज की कीमत को कम करने के लिए भारत सरकार की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा 25 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 40% का निर्यात शुल्क लगा दिया गया था। केंद्र सरकार ने नेफेड की ओर से खरीदे गए प्याज को थोक बाजारों में मौजूदा दर से कम पर बेचना शुरू किया है।